Inspirational Kahani of Elephant
एक छोटा बच्चा अपने पापा के साथ चिड़ियाघर देखने गया। वहाँ उसने बड़े से बड़ा और छोटे से छोटे जानवर को देखा। वह छोटा बच्चा उन जानवरो को देख के बहुत खुश हो रहा था।
अचानक उस बच्चे की नजर एक हाथी पर पड़ी। बच्चे ने देखा कि वह हाथी एक छोटी सी रस्सी में बंधा खड़ा था, जबकि उससे छोटे छोटे जानवर बिना रस्सी के आजाद घूम रहे थे। वह बच्चा अपने पापा के पास गया और उन्हें पूछने लगा, पापा ये इतना बड़ा हाथी एक छोटी कमजोर रस्सी में बंधा क्यों खड़ा हैं ? क्या इसे आजादी पसंद नहीं ? ये भागने की कोशिश क्यों नहीं कर रहा ?
अपने बेटे के एक साथ पूछे गये इतने सवालो से उन्हें हैरानी हुयी, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को अपने पास बुलाया और बोले – आजादी किसे पसन्द नहीं होती, इन्हें भी आजादी पसंद हैं, लेकिन बचपन से ही इन हाथियों को रस्सियों में बाँधा जाता हैं।
उस समय यह उन रस्सियों को तोड़कर भागने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन छोटे होने के कारण इनके अंदर इतनी शक्ति और सामर्थ्य नहीं होता कि ये रस्सी को तोड़ पाये।
बार बार रस्सी तोडने की कोशिश में नाकामयाब होने के कारण ये खुद मान बैठते हैं, कि ये कभी इन रस्सियों को तोड़ नहीं पाएंगे। बड़े होने के बाद भी उनकी यह नकारात्मक सोच बनी रहती हैं, और इसी नकारात्मक सोच के कारण ये बड़े होने के बाद भी इन कमजोर रस्सियों में बंधे खड़े रहते है।
वह बच्चा सोचने लगा हाथी जैसा विशाल जानवर केवल अपनी बनायी नकारात्मक सोच के कारण अपना पूरा जीवन एक छोटी सी रस्सी में बंधकर बिता देता हैं।
दोस्तों हम में से भी अधिकतर लोग एक या दो बार किसी कार्य में असफल होने के बाद यह सोचने लगते हैं, कि हम ये काम नहीं कर सकते, या फिर ये काम करना हमारी किस्मत में ही नहीं, और अपनी इसी नकारात्मक सोच के चलते वो दूसरे लोगो से पीछे रह जाते हैं।
ऐसे लोग अपनी ही बनायीं नकारात्मक जंजीरो में जकड़े हुए पूरी उम्र बिता देते हैं।
आपका हमेशा यह याद रखना चाहिए कि असफल होना मात्र जीवन का एक हिस्सा हैं, और लगातार सफलता के लिए कोशिश करने के बाद, और असफल होने के बाद सफलता के शिखर को हम छू ही लेते हैं।
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धन्यवाद
Ye such hi maine bhi puri kosish karu gi ek na ek din sab theek hoga
Nice Story
Nice post
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Thanks sir